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विराम चिह्न और संशोधन

 विराम चिह्न और संशोधन  हिंदी भाषा में केवल पूर्ण विराम(।) इसका स्वयं अपना है ।शेष विराम चिह्न  संस्कृत और अंग्रेजी से उद्धृत किए गए हैं ।अब विराम चिह्नों का का प्रयोग बढ़ गया है इस कारण इसके विषय में पूर्ण जानकारी होना अति आवश्यक है ।विराम चिन्ह का प्रयोग या उनकी विषय में विस्तृत जानकारी आपको इस आर्टिकल में दी जा रही है। वैसे तो विराम चिह्नों की जानकारी पूर्व के लेख में दी जा चुकी है इसमें उसका विस्तार प्रदान करते हुए विराम चिन्हों का परिचय एवं सभी प्रकार के लिखित कार्यों के संशोधन के विशेष में जानकारी दी जा रही है। हिंदी में विराम चिह्नों का प्रयोग- हिंदी भाषा में आरंभ से ही पद्य स्वरूप का बोलबाला रहा है जिसमें विराम चिह्नों को प्रयोग सीमित रहा है । डैश (–), प्रश्नवाचक(?) ,संबोधन(! ), संयोजक चिह्न(–), कोष्ठक का चिह्न ( () ), बराबर का चिह्न (=) आदि का प्रयोग अब हिंदी में किया जा रहा है । इन संकेतों को संस्कृत भाषा से लिया गया है । आधुनिक काल में मिशनरियों के अंग्रेजी भाषा के प्रभाव के कारण इस भाषा के विराम चिह्न भी हिंदी भाषा में मिल गए हैं । जैसे – अ...

वर्तनी संबंधी अशुद्धियां

                वर्तनी संबंधी अशुद्धियां

 

वर्तनी- भाषा के मुख्यतःदो रूप होते हैं-       १- मौखिक २- लिखित रूप

पारंपरिक रूप से हम जिस प्रक्रिया या व्यवस्था द्वारा भाषा  की ध्वन्यात्मक रूप को लिखित रूप देते हैं उसे  वर्तनी कहा जाता है। 

ध्वनियों को देवनागरी लिपि में लिखने की एक निश्चित व्यवस्था है । शुद्ध लेखन के लिए इस व्यवस्था का ज्ञान अनिवार्य है ।

भाषा के मानक रूप में उसके शब्दों के अंतर्गत ध्वनियों का जो अनुक्रम होता है उसी के अनुरूप लिखित रूप में वर्णों और अक्षरों का क्रम नियोजन शुद्ध वर्तनी का मुख्य उद्देश्य होता है ।

विद्यार्थी वर्तनी नियमों के अपूर्ण ज्ञान, उच्चारण में बोलियों का प्रभाव ,असावधानी आदि के कारण वर्तनी में अशुद्धियां कर देते हैं।

१ -सामान्य लिपि संबंधी अशुद्धियां-

ष के स्थान पर प लिख देने की अशुद्धि; जैसे- 

अशुद्ध                  शुद्ध

 विपय                 विषय

 पट                     षट

२ - ब के स्थान पर व लिख देने की अशुद्धि; जैसे-

वहुत                 बहुत 

तव                    तब  

अव                   अब

३ - व के स्थान पर ब लिख देने की अशुद्धि;जैसे-

 कबि               कवि

 बिचार             विचार

 बिद्यार्थी           विद्यार्थी 

४-य के स्थान पर प लिख देना; जैसे-

पदि                 यदि 

पदा                 यदा 

पद्यपि              यद्यपि

५- फ के स्थान पर ट लिख देना;जैसे

षष्ट                   षष्ठ

पृष्ट                   पृष्ठ

बलिष्ट               बलिष्ठ

६-ऋ स्थान पर रि लिख देना;जैसे

रिषि                 ऋषि

रितु                   ऋतु

रिण                   ऋण


७ - ऋ की मात्रा के स्थान पर अर्द्ध र लिख देना अथवा इसका उल्टा कर देना

प्रथ्वी                  पृथ्वी 

पृथा                    प्रथा 

ग्रह-कार्य             गृह -कार्य 

८.अर्ध र के स्थान पर पूरा र लिख देना ; जैसे -


परव                     पर्व 

दरपण                  दर्पण 

करकश               कर्कश 
 

९. पूरे र के स्थान पर आधा र लिख देना ; जैसे -


नर्क                     नरक 

गर्ल                      गरल 

मर्ण                      मरण 

१०. द्य के  स्थान पर ध्य अथवा ध लिख देना ; जैसे -


विध्यमान              विद्यमान 

विध्यार्थी               विद्यार्थी 

मध                      मद्य  

११. भ के स्थान पर म लिख देना ; जैसे -


मक्ति                  भक्ति 

तमी                     तभी 

कमी                    कभी 

१२. क्त के स्थान पर त्त लिख देना ; जैसे -


संयुत्त                   संयुक्त 

भत्त                      भक्त 

वियुत्त                   वियुक्त 

१३. ध के स्थान पर घ लिख देना ; जैसे -


घनुष                    धनुष 

घैर्य                       धैर्य 

१४. श , ष तथा स की अशुद्धि ; जैसे -
 

मनुश्यता               मनुष्यता 

आकर्शक             आकर्षक 

विसेस , विषेश ,     विशेष 
विशेस

सेस                       शेष 

शंकट                   संकट 

शुशील                  सुशील 

शुशोभित              सुशोभित 

कैलास                 कैलाश 

१५. क्ष के स्थान पर छ लिख देना ; जैसे -


लछ्मण                लक्ष्मण  

छत्री                     क्षत्री 

परीछा                  परीक्षा 

छति                     क्षति 

छेत्र                       क्षेत्र 

छितिज                  क्षितिज 

छीर                       क्षीर  

छीण                       क्षीण 


१६. छ के स्थान पर क्ष लिख देना ; जैसे -


क्षात्र                        छात्र 

क्षत्र                          छत्र 

परिक्षेद                    परिच्छेद 

१७. ण के स्थान पर न लिख देना ; जैसे -


लक्ष्मन                     लक्ष्मण 

कारन                      कारण 

करुना                      करुणा 

वेनी                          वेणी 

वानी                         वाणी 

वेनू                            वेणु 

गनना                         गणना 

१८. व के स्थान पर म लिख देना ; जैसे -


गाम                            गाँव 

पाम                            पाँव 

१९. ल के स्थान पर र लिख देना ; जैसे -


दिवारी                        दिवाली 

बार                             बाल 

होरी                            होली 

गारी                            गाली 

२०. र के स्थान पर ल का प्रयोग ; जैसे -


दीवाल                        दीवार 

मुलाली                        मुराली  

प्याले                           प्यारे 

२१. ये तथा ए  का अंतर न समझना ; जैसे -


चाहिये                        चाहिए 

लिये                            लिए 

२२. ड़ तथा ढ़ का अंतर न समझना ; जैसे -


पड़ना                         पढ़ना 

मड़ना                         मढ़ना

टेड़ी                            टेढ़ी 

२३. ण के स्थान पर ड़ लिख देना ; जैसे -


गड़ित                         गणित 

गौड़                           गौण 

कोड़                          कोण 

ड़ना                         गणना 

२४. ड़ अथवा  के नीचे बिंदी न लगाना ; जैसे -


गढ                             गढ़ 

गडना                         गड़ना 

पेड                             पेड़ 

२५. ड़ अथवा  के स्थान पर ण लिख देना ; जैसे -


प्रौण                            प्रौ

गरुण                          गरु


पञ्चम वर्ण सम्बन्धी अशुद्धियाँ -

पंचम                         पञ्चम 

खंड                          खण्ड 

सुंदर                         सुन्दर 

अंधकार                    अन्धकार 

अनुस्वार सम्बन्धी अशुद्धियाँ -

१ -अनुस्वार का न लगाना ,जैसे -

नही                           नहीं 

मै                                मैं 

उन्होंने                       उन्होंने

२-अनुस्वार के बाद केवर्ण पर लगाना ;जैसे-

उन्होनें                                उन्होंने    

अकिंत                       अंकित  

३ -हलन्त न लगाना ;जैसे -

पश्चात                         पश्चात् 

अर्थात                        अर्थात् 

महान                         महान् 

वरन                           वरन् 

कदाचित                    कदाचित् 

स्वयम                        स्वयम् 






















































































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