सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

विराम चिह्न और संशोधन

 विराम चिह्न और संशोधन  हिंदी भाषा में केवल पूर्ण विराम(।) इसका स्वयं अपना है ।शेष विराम चिह्न  संस्कृत और अंग्रेजी से उद्धृत किए गए हैं ।अब विराम चिह्नों का का प्रयोग बढ़ गया है इस कारण इसके विषय में पूर्ण जानकारी होना अति आवश्यक है ।विराम चिन्ह का प्रयोग या उनकी विषय में विस्तृत जानकारी आपको इस आर्टिकल में दी जा रही है। वैसे तो विराम चिह्नों की जानकारी पूर्व के लेख में दी जा चुकी है इसमें उसका विस्तार प्रदान करते हुए विराम चिन्हों का परिचय एवं सभी प्रकार के लिखित कार्यों के संशोधन के विशेष में जानकारी दी जा रही है। हिंदी में विराम चिह्नों का प्रयोग- हिंदी भाषा में आरंभ से ही पद्य स्वरूप का बोलबाला रहा है जिसमें विराम चिह्नों को प्रयोग सीमित रहा है । डैश (–), प्रश्नवाचक(?) ,संबोधन(! ), संयोजक चिह्न(–), कोष्ठक का चिह्न ( () ), बराबर का चिह्न (=) आदि का प्रयोग अब हिंदी में किया जा रहा है । इन संकेतों को संस्कृत भाषा से लिया गया है । आधुनिक काल में मिशनरियों के अंग्रेजी भाषा के प्रभाव के कारण इस भाषा के विराम चिह्न भी हिंदी भाषा में मिल गए हैं । जैसे – अ...

उच्चारण संबंधी अशुद्धियां और उनका निराकरण

 उच्चारण संबंधी अशुद्धियां और उनका निराकरण १ - ह्रस्व स्वर के स्थान पर दीर्घ तथा दीर्घ स्वर के स्थान पर ह्रस्व ‘आ’ की जगह ‘अ’।   अशुद्ध           शुद्ध आधीन               अधीन  दावात                दवात   आजकाल           आजकल हस्ताक्षेप             हस्तक्षेप अलौकिक           अलौकिक अत्याधिक           अत्यधिक अनाधिकार       अनधिकार    अ              -        आ अहार                आहार चहिए                 चाहिए परलौकिक         पारलौकिक अगामी               आगामी नराज               नाराज ई...

अक्षर, शब्द एवं वाक्य ज्ञान

      अक्षर ,शब्द एवं वाक्य ज्ञान हिंदी भाषा को सही- सही लिखने पढ़ने बोलने एवं समझने के लिए अक्षर, शब्द एवं वाक्य का ज्ञान होना परम आवश्यक है। हिंदी लेखन में अक्षरों का सही अनुप्रयोग  तथा शुद्ध वर्तनी ज्ञान की सहायता से विशुद्ध हिंदी लिखी एवं पढ़ी जाती है। यदि हिंदी भाषा में अक्षर शब्द एवं वाक्य का ज्ञान अपूर्ण अथवा अधूरा है तो भावार्थ ठीक ढंग से नहीं समझा जा सकता हिंदी भाषा में लिखे हुए अक्षर शब्द एवं वाक्य का शुद्ध- शुद्ध उच्चारण करने वाले व्यक्ति ही हिंदी को सही- सही लिख सकते हैं और सही -सही समझ सकते हैं । सबसे पहले आवश्यक है कि हिंदी के अक्षरों को ठीक से पहचाना जाए उनका ठीक-ठाक उच्चारण किया जाए और सही सही लिखा जाए यह तभी संभव है जब हमें अक्षरों के साथ साथ वर्तनी अथवा मात्राओं का शुद्ध- शुद्ध ज्ञान हो  अन्यथा हम हिंदी भाषा को ठीक प्रकार से न तो लिख सकते हैं न ही पढ़ सकते हैं ।समझने एवं बोलने में भी अशुद्धियां संभव है। १ -अक्षर की परिभाषा-   हमारे मुख के अवयव से घर्षण करती हुई जो प्राणवायु बाहर निकलती है वही ध्वनि या आवाज कहलाती ...